बिहार के वैशाली जैसे छोटे शहर से निकल कर मधु सिंह ने बॉलीवुड में बनाया मकाम

बिहार. वैशाली जिले के राघोपुर प्रखंड, वीरपुर गांव के रहने वाले ‘जन वितरण प्रणाली विक्रेता’ शुभ नारायण सिंह एवं ‘सरकारी शिक्षिका’ चांदतारा देवी की छोटी बेटी मधु सिंह ने बॉलीवुड के छोटे पर्दे पर अपनी जोरदार एंट्री की है.

दरअसल, मधु सिंह राजपूत इन दिनों डीडी मध्य प्रदेश के मशहूर धारावाहिक “संघर्ष देवकी का” में मुख्य किरदार निभा रही है. बिहार के वैशाली जैसे छोटे शहर से निकल वह बॉलीवुड में अपनी उपस्तिथि दर्ज कराई है और अपने सफलता के उड़ान पर निकल चुकी है.

खेलकूद के साथ साथ पढ़ाई में भी अव्वल रही है मधु.
मधु सिंह राजपूत वैशाली के वीरपुर स्थित उत्कर्मित उच्च विद्यालय से शुरुआती पढ़ाई कर, मोकामा के श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई करने लगी।

मेडिकल की पढ़ाई के साथ वो अपनी कला को नहीं छोड़ी और पटना तथा पूरे बिहार में, सरकारी गैर -सरकारी संस्थाओं के मंच पर जाकर, एंकरिंग के माध्यम से अपनी आवाज़ की जादू बिखेरती रही, साथ ही फैशन शो में पार्टिसिपेट कर अपनी टैलेंट से बिहार लेवल कि कई अवार्ड अपने नाम की। मधु सिंह राजपूत पढ़ाई के साथ -साथ मनोरंजन जगत में भी अब्बल रही है।

मधु सिंह ने साल 2017 में, बिहार सरकार द्वारा आयोजित ‘गांधी मैदान’ पटना “फैशन शो” में मिस बिहार का खिताब अपने नाम कि थी, मधु सिंह को फेसबुक फ्रेंड के माध्यम से “संघर्ष देवकी का” सीरियल की जानकारी मिली, मधु के फ्रेंड द्वारा प्रड्यूसर का नंबर मिलने पर मधु बिना संकोच किए बात की, सीरियल के प्रोड्यूसर अनिल त्रिवेदी द्वारा वीडियो बनाकर भेजने को कहा गया।
उस वक्त मधु ट्रैवलिंग कर रहे थी, मधु बिना कुछ सोचे 2 मिनट का वीडियो बनाकर सीरियल के प्रोड्यूसर की व्हाट्सएप पर भेज दी, कुछ समय बाद प्रोड्यूसर का मैसेज आ गया। आप सेलेक्ट हैं जब सीरियल स्टार्ट होगा तो, आपको इन्फॉर्म कर दिया जाएगा।

कुछ वक्त बाद सीरियल का शेड्यूल बना तो, प्रोड्यूसर अनिल त्रिवेदी का कॉल आया उन्होंने शूटिंग की डेट बताएं और आने के लिए टिकेट भेज दिया, पहली बार मधु के साथ मधु के बड़े भाई विक्की सिंह भी सीरियल के सेट पर गए। वहां पहुंचकर मधु को सीरियल के सेट देखकर तो अच्छा लगा, लेकिन घबराट इतनी बढ़ गई की मधु सीरियल में काम करने से मना करने लगी, लेकिन सीरियल के प्रड्यूसर अनिल त्रिवेदी द्वारा समझाने पर, मधु सिंह समझ गई और बहुत ही सहजता, आत्मनिर्भरता से शर्मीली के कैरेक्टर में ढलकर, अपनी कला की प्रस्तुति से शर्मीली के कैरेक्टर में जान इस तरह फूंक दी, की मेन लीड पर भी, सेकंड लीड शर्मीली का कैरेक्टर भारी पड़ता नजर आ रहे है।

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