✍️छत्तीसगढ़ प्रदेश के नामचीन हस्तियों की नगरी जिला जशपुर के पावन धरा में हरियालियों के बीच डोंढ़की नदी की तीर पर बसा विकासखण्ड मुख्यालय नगर पंचायत बगीचा !
नगर पंचायत बगीचा जिसकी पश्चिम दिशा में अहिन्दमाड़ा स्थिति है, भगवान श्री राम माता जानकी, पवनपुत्र हनुमान साथ ही देवाधिदेव महादेव जहां विराजमान हैं !
नगर पंचायत बगीचा जिसकी पुर्व दिशा में राजपुरी जलप्रपात स्थित है जहां स्वयं भगवान शिव विद्यमान हैं, नगर के बीचोंबीच जगत जननी माता दुर्गा का प्रांगण जहां कुछ समय व्यतीत करो तो अंत:मन की सारी व्यथाएं दुर हो जाती हैं और मन प्रफुल्लित हो जाता है ! माता के प्रांगण से लगा हुआ कुछ ही कदमों की दुरी पर स्थित है “जैन मंदिर” जहां भगवान श्री महावीर विराजमान हैं जहां स्वमेव मन श्रध्दा से भर उठता है और आप शिश झुका कर भगवान महावीर को प्रणाम कर जैसे ही आगे बढ़ते हैं आपके कदम खुद ब खुद “औघड़ बाबा का तकिया” में प्रवेश करने को लालायित हो उठते हैं !
जिस नगर के चारों दिशाओं में ईश्वर का वास हो उसे धर्मनगरी कहना किंचित मात्र भी अनुचित नहीं होगा !
जी,, इसी धर्मनगरी बगीचा के श्रद्धालुओं द्वारा “श्रीमद् शिवमहापुराण कथा” का भव्य आयोजन किया जा रहा है जिसमें विश्वप्रसिद्ध “कथावाचक आचार्य डॉ श्री अमर बाजपेयी जी” प्रयागराज वाले का आना सुनिश्चित हुआ है !
श्रद्धालुओं एवं पाठकों की सुविधा के लिए कार्यक्रम की रुपरेखा इंगित कर रहा हूं जो निम्नानुसार हैं क्रमशः दिनांक 19/05/2024 प्रातः 07 बजे से कलश यात्रा पश्चात पीठ पुजन, दिनांक 20/05/2024 श्री शिवमहापुराण कथा महात्म्य, दिनांक 21/05/2024 आदि शिवलिंग प्राकट्य, दिनांक 22/05/2024 देवर्षि नारद मोह, धनपति कुबेर का पुर्व चरित्र, दिनांक 23/05/2024 संध्या देवी की कथा, सती चरित्र, दिनांक 24/05/2024 पार्वती जन्म महोत्सव, शिव पार्वती विवाहोत्सव, दिनांक 25/05/2024 कार्तिकेय व श्री गणेश का जन्म महोत्सव, दिनांक 26/05/2024 त्रिपुरासुर वध, जालन्ध वध, उमा संहिता, वायवीय संहिता, कथा विश्राम, दिनांक 27/05/2024 हवन (पुर्णाहुति) व महाप्रसाद वितरण (विशाल भण्डारा) !
कथा वाचन समय प्रतिदिन संध्या 05 बजे से प्रारंभ एवं कथा स्थल पुराने स्टेट बैंक के बगल में रौनी रोड बगीचा !
धर्मनगरी बगीचा के समस्त शिवभक्तों के द्वारा “हल्लाबोल छत्तीसगढ़” के माध्यम से छत्तीसगढ़ प्रदेश में निवासरत शिवभक्तों, श्रद्धालुओं को ज्यादा से ज्यादा संख्या में “श्रीमद् शिवमहापुराण कथा” में सम्मिलित होकर पुण्य के भागीदार बनने की अपील (विनती) की गई है !