क्षेत्रवाद की राजनीति ने बरबसपुर के विकास को रखा ठप्प,,अब जि. पं. क्षेत्र से जुड़ा नाम तो गुलाब कमरो बन रहे ग्रहण

क्षेत्र के विकास को समर्पित क्षेत्रवासियों ने विकास विरोधी दलगत राजनीति के खिलाफ खोला मोर्चा

बरबसपुर एम.सी.बी. – नवगठित एम सी बी जिले का जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 07 बरबसपुर के नाम पर वजूद में आए बरबसपुर ग्राम पंचायत जो की कोरिया जिले के दो ग्राम पंचायत जगतपुर और भरहीडीह सहित एम सी बी जिले के महाराजपुर,लोहारी,उजियारपुर,सोनवर्षा,राधारमन नगर ग्राम पंचायत के लिए काफी अहम भूमिका निभाता रहा है। यह भी कह सकते हैं की व्यापारिक दृष्टिकोण से भी उक्त सभी ग्राम पंचायत आज भी बरबसपुर पर निर्भर हैं। उक्त सभी ग्राम पंचायत बरबसपुर क्षेत्र अंतर्गत दर्रीटोला जंक्शन रेलवे स्टेशन से रेल यात्रा के लिए सीधे तौर पर जुड़े रहे हैं। दर्रीटोला जंक्शन शुरुआती रेल सेवा से ही अपने अलग पहचान के लिए जाना जाता था । भाप से चलने वाली रेलगाड़ी का बड़ा हाल्ट और गार्ड लोको पायलट का विश्राम स्थल और रनिंग रुम जैसी सुविधाओं के लिए सुमार था । अभिभाजित कोरिया जिले और प्रदेश का मुख्य पर्यटन स्थल अमृतधारा बरबसपुर ग्राम पंचायत का अभिन्न हिस्सा था । बरबसपुर का साप्ताहिक बाजार चिरमिरी मनेंद्रगढ़ केल्हारी से लेकर बैकुंठपुर रामगढ़ सोनहत तक के व्यापारियों का मुख्य व्यवसायिक माध्यम था।परंतु बीते 15,,20 वर्षों में बरबसपुर लगातार अपनी इन उपलब्धियों और पहचान खोता चला आ रहा है। कभी घटिया नेताओं ने तो कभी राजनीतिक दलों ने जिसे भी मौका मिला उसी ने जमकर छला । कभी आदर्श ग्राम पंचायत था जो अब थानों में झगड़ालू ग्राम के नाम पर दर्ज है।अवगत करा दें की राजनीतिक दृष्टिकोण से भी बरबसपुर से दोनों मुख्य दलों के कई कद्दावर नेता व कार्यकर्ता बड़े पैमाने पर राजनीति में जुड़े थे ।जो बरबसपुर पूर्व से ही राजनीतिक क्षेत्र में महारत रखता था। कई वकील । मुख्य धारा से जुड़े पत्रकार इस क्षेत्र से रहे । उस बरबसपुर की वर्तमान दुर्दशा आश्चर्यचकित वाक्या से कम नहीं।

कुछ जिले से खुश तो कुछ उप तहसील से गदगद,,भरतपुर की तरह बरबसपुर सिमटा कोने में

ग्राम वासियों ने कहा की हमें किसी क्षेत्र के विकास से जलन या ईर्ष्या नहीं है।पर जिन उपलब्धियों के लिए बरबसपुर नामचीन था। क्या उसे सहेजने के लिए या फिर विकास की मुख्यधारा से जोड़कर रखने में नेता और जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी नहीं थी।पर सभी दलों के नेताओं ने भर भरकर सिर्फ वोट लिया और क्षेत्र के लिए किसी ने कुछ नहीं किया । दशकों पहले हाई स्कूल,शासकीय कृषि फार्म,पुलिस चौकी,सहकारी समिति,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पूर्व से ही बरबसपुर के नाम थे जो कागजों में रह गए । आज भी क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा के लिए तो क्षेत्र वासियों को स्वास्थ और रेल सेवाओं सहित तमाम मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझना पड़ रहा। थोड़ी सी उपलब्धि एग्रीकल्चर कॉलेज के रूप में बरबसपुर लोहारी सहित सभी क्षेत्रीय पंचायत वासियों मिलनी थी पर उसे भी तत्कालीन क्षेत्रीय विधायक ने छीन लिया जो की एग्रीकल्चर कॉलेज के रूप में लोहारी में स्वीकृत हुआ था । साथ ही पूर्व कांग्रेस विधायक जो एम सी बी जिला बनाकर श्रेय लेने से थक नहीं रहे तो वही भरतपुर के भविष्य पर उन्हीं विधायक ने ताला भी जड़ दिया । इसी तरह पूर्व कांग्रेस विधायक ने नागपुर को उप तहसील बनाकर बरबसपुर के पूरे भविष्य को अंधकार में भी झोंकने का कार्य किया है। इतना ही नही बल्कि अब जब नव गठित एम सी बी जिला पंचायत क्षेत्र के रूप में बरबसपुर का नाम जुड़ा तो नागपुर के नाम की घुट्टी पी रखे पूर्व कांग्रेस विधायक गुलाब कमरो के मुंह से जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 07 बरबसपुर का नाम अब भी नहीं निकल रहा है। बल्कि नागपुर की गुलामी करने के लिए बरबसपुर जिला पंचायत क्षेत्र पर नागपुर शब्द थोप रहे हैं। जो बरबसपुर के लोगों को कतई बर्दास्त नहीं है । और जिसका क्षेत्र वासियों ने विरोध किया है।

बरबसपुर के राजनीतिक मंच पर नागपुर करता रहा कब्जा,,अब क्षेत्र का नेतृत्व बरबसपुर के युवाओं के हाथ

एक जमाने में जहां भाजपा या कांग्रेस सभी दलों के लिए बरबसपुर 20,,25 पंचायत क्षेत्र के चुनावी समीकरण साधने का बड़ा केंद्र था और दोनों मुख्य राजनीतिक दलों के कद्दावर नेता बरबसपुर से अलग अलग क्षेत्रों में कूच किया करते थे। परंतु गुजरे वर्षों में यह उपलब्धि और क्षमता को भी धीरे धीरे इन दलों के नेताओं द्वारा बरबसपुर से छीना है। जिससे बरबसपुर का वर्चस्व भी अपनी मजबूत पहचान खो चुका । और आज दोनों मुख्य राजनीतिक दलों के मंच में बरबसपुर लोहारी उजियारपुर महाराजपुर के युवा व वरिष्ठ नेताओं की बजाय सिर्फ नागपुर के लोग ही नजर आते हैं और उन्हें इन दलों के नेता अपने साथ शामिल करते हैं। और बरबसपुर के कार्यकर्ता इन नेताओं के लिए चाय पानी पिलाने वालो की तरह ही रह गए हैं।जिससे बरबसपुर के युवाओं में नाराजगी तो है ही साथ ही यहां के युवाओं की उपेक्षा भी अब क्षेत्र वासियों को बर्दास्त नहीं हो रहा है। जिस कारण क्षेत्रवासी एकजुट हैं और स्थानीय युवाओं को आगामी सभी चुनाव में समर्थन देने की बात कह रहे हैं।

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