“न्यू लाईफ‘‘ के द्वारा जिला अस्पताल में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस कार्यक्रम का आयोजन

बैकुुंठपुरः- ‘‘न्यू लाईफ‘‘ हेल्थ एण्ड एजुकेशन सोसायटी द्वारा संचालित ‘‘न्यू लाईफ‘‘ इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग के छात्र-छात्राओं द्वारा विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर जिला अस्पताल परिसर में आयोजन किया गया। इस वर्ष डब्लू.एच.ओ. द्वारा विश्व तम्बाकू निषेध दिवस का थिम ;अनमास्किंग द अपीलः इक्सपोसिंग इन्डसट्री टेक्टीक्स आन टोबैको एण्ड निकोटीन प्रोडक्सद्ध जिसका अर्थ ‘‘अपील को उजागर करनाः तम्बाकू और निकोटीन उत्पादों पर उद्योग की रणनीति को उजागर करना‘‘ है। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को तम्बाकू के सेवन से होने वाली गभीर बिमारियों जैसे कैंसर, हृदय रोग, फेफड़ों की बिमारियां और स्ट्रोक के बारे में जागरूक करना है। डब्लू.एच.ओ. के अनुसार तम्बाकू के सेवन से हर साल लगभग 80 लाख लोगों की मृत्यु होती है, जिनमें से 13 लाख लोग वे हैं जो तम्बाकू का सेवन नहीं करते, लेकिन इसके धूवें के समपर्क में आने से प्रभावित होते हैं। कि विश्व तम्बाकू दिवस का महत्व जागरूकता तक समिति नहीं है, बल्की यह नीतिगत बदलाव को भी बढ़ावा देता है। यह दिन लोगों को तम्बाकू छोड़ने के लिए प्रेरित करता है और समुदायों को तम्बाकू मुक्त वातावरण बनाने के लिए एकजूट करता है। इस दिन सरकारों को तम्बाकू पर कर बढ़ाने, धुम्रपान मुक्त क्षेत्र बनाने और तम्बाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने जैसे कदम उठाने के लिए प्रेरित किया जाता है। नर्सिंग के छात्र- छात्राओं द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से यह बताया गया है की कारखाना में बनने वाली तम्बाकू पर प्रतिबंध लगाया जा सके जिससे लोगों को तम्बाकू उद्योेग के हस्तक्षेप से बचाना। जिससे बच्चों को व बड़ों को उससे होने वाली कैंसर जैसे मुंह, गला, आहार नली, फेफड़ा, आमाशय, लीवर, किडनी एवं मस्तिष्क का कैंसर, साथ ही तम्बाकू के सेवन से मानसिक रोग, नपुंसकता, दिल की बिमारी, पेट में अल्सर व अनिंद्रा बिमारी के बारे में बताया गया। साथ ही छात्रों ने विष्व तम्बाकू निषेध दिवस पर प्रकाश डाला जिसमें ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे इंडिया 2016-17 के अनुसार, भारत में लगभग 267 मिलियन वयस्क (15 वर्ष और उससे अधिक) सभी वयस्कों का 29 प्रतिशत तम्बाकू का उपयोग करते हैं, भारत में तम्बाकू का उपयोग का सबसे आम रूप धुआं रहित तम्बाकू है और आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले उत्पाद खैनी, गुटखा तम्बाकू के साथ सुपारी और जर्दा है, इस्तेमाल किए जाने वाले तम्बाकू के धुम्रपान रूपों में बीड़ी, सिगरेट और हुक्का शामिल है। तम्बाकू न केवल उन्हें उगाने वाले किसानों सहित व्यक्तियो के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि इससे वनों की कटाई भी होती है, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में 3.5 मिलियन हेक्टेयर भूमि हर साल तम्बाकू उगाने के लिए परिवर्तित की जाती है, जिससे प्रति वर्ष 200,000 हेक्टेयर वनों की कटाई होती है। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के इस पूरे कार्यक्रम का आयोजन नर्सिंग फैकल्टी श्रीमती सुप्रिया तिवारी, सुधालता एवं बी.एस.सी. नर्सिंग पांचवा सेमेस्टर के छात्र-छात्रओं द्वारा, संस्था के प्रबंधक के मार्गदर्शन में किया गया।

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